August 26, 2019.
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गैस्ट्रिक एक बहुत ही आम समस्याएं है। जिससे लगभग हर दूसरा व्यक्ति ग्रसित है। गैस्ट्रिक की समस्या कई कारणों से होती है, जैसे कि -
गैस्ट्रिक के संबंधित कारण।
>> मसालेदार भोजन का सेवन करना।
>> भोजन को अच्छी तरह चबाए बिना निगलना।
>> आवश्यकता से अधिक या कम भोजन करना।
>> निमियत अंतराल पर भोजन न करना।
>> कम पानी पीना।
>> नशीली पदार्थो का सेवन करना।
>> मसालेदार भोजन का सेवन करना।
>> भोजन को अच्छी तरह चबाए बिना निगलना।
>> आवश्यकता से अधिक या कम भोजन करना।
>> निमियत अंतराल पर भोजन न करना।
>> कम पानी पीना।
>> नशीली पदार्थो का सेवन करना।
ये सारी आदते आपके पाचन तंत्र को कमजोर बनाने और आपके गैस्ट्रिक से ग्रसित होने के प्रमुख कारण है। किसी भी व्यक्ति में गैस की समस्या होने पर निम्नलिखित लक्षण दिखाई देते है।
गैस्ट्रिक के लक्षण।
>> पेट में सूजन आना और दर्द होना।
>> बदबूदार डकारे और उल्टी आना।
>> बार-बार पाद आना।
>> सीने में जलन होना।
>> भूख नहीं लगना।
>> पेट में ऐंठन होना।
>> कब्ज़ होना।
>> पेट में सूजन आना और दर्द होना।
>> बदबूदार डकारे और उल्टी आना।
>> बार-बार पाद आना।
>> सीने में जलन होना।
>> भूख नहीं लगना।
>> पेट में ऐंठन होना।
>> कब्ज़ होना।
ये सभी गैस्ट्रिक के प्रारंभिक लक्षण है। जो अल्प अवधि के लिए दिखाई देते है। परन्तु यदि इनका उपचार सही समय पर नहीं किया जाए तो यह काफी गंभीर रूप ले लेते है। और व्यक्ति को मल के साथ खून आना, अमाशय के अल्सर जैसी गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
दवाइयों का प्रयोग करके आपको तात्कालिक लाभ तो मिल जाता है, परन्तु कुछ दिनों बाद आपको पुनः उसी समस्या से जूझना पड़ता है। इसलिए यदि आप इस समस्या का दीर्घकालीन परिणाम चाहते है। और चाहते है कि आपको गैसट्रीक की समस्या से पूरी तरह निजात मिले। तो आप हमारे द्वारा नीचे सुझाए गए निम्नलिखित एहतियातो को अपना सकते है।
बचाव के उपाय -
>> प्रातः काल व्यायाम/योगा करे।
>> खाली पेट चाय/कॉफी का सेवन नहीं करे।
>> मसालेदार और बाहरी चीज़ों से परहेज़ रखे।
>> फलों और ताजी सब्जियों का सेवन करे।
>> भोजन को अच्छी तरह से चबाने के बाद ही निगले।
>> नियमित अंतराल से संतुलित भोजन करे।
>> अधिक मात्रा में पानी पीये।
>> आवश्यकता से अधिक/कम भोजन न करे।
>> नशीली चीजो का सेवन ना करें।
>> प्रातः काल व्यायाम/योगा करे।
>> खाली पेट चाय/कॉफी का सेवन नहीं करे।
>> मसालेदार और बाहरी चीज़ों से परहेज़ रखे।
>> फलों और ताजी सब्जियों का सेवन करे।
>> भोजन को अच्छी तरह से चबाने के बाद ही निगले।
>> नियमित अंतराल से संतुलित भोजन करे।
>> अधिक मात्रा में पानी पीये।
>> आवश्यकता से अधिक/कम भोजन न करे।
>> नशीली चीजो का सेवन ना करें।
दोस्तो, अंग्रेज़ी में एक कहावत है - "Precaution Is Better Than Cure".
इसका मतलब यह है कि, "एहतियात इलाज से बेहतर है।" इसलिए आज हम आपको इन एहतियात के साथ साथ कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों के बारे में बताने वाले है जिनपर अमल करने से आपको भविष्य में कभी भी गैस्ट्रिक की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
तो चलिए अब बिना देर किए हुए आपको उन घरेलू नुस्खों के बारे में बताते है;
∆ नींबू पानी -
∆ जीरा -
आपको जानकर हैरानी होगी कि नींबू में भरपूर मात्रा में विटामिन ए, बी, सी ( पोटेशियम, लोहा, सोडियम, मैगनेशियम, तांबा, फास्फोरस और क्लोरीन के साथ-साथ प्रोटीन वसा और कार्बोज) पाये जाते है। यह आकार में छोटा जरूर होता है परन्तु इसमें प्रचुर मात्रा में विटामिन्स पाए जाते है। जो हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है और हमारे शरीर में पाये जाने वाले कोलस्ट्रॉल को भी नियंत्रित रखते है।
नींबू में पाया जाने वाला विटामिन "सी" और फॉस्फोरस अत्यंत घुलनशील होता है, जिसकी वजह यह हमारे अमाशय में ज्यादा देर तक नहीं टिक पाते और इनके ज्यादा सेवन से भी हमारे शरीर को नुकसान नहीं पहुँचता है। रोज़ाना प्रातः काल खाली पेट नींबू पानी का सेवन करने से हमारा मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है, और हमारा शरीर भी हाइड्रेट रहता है। नींबू में मौजूद विटामिन्स हमारे अमाशय में हाइड्रोक्लोरिक एसिड और पित्त सेक्रेशन के प्रोडक्शन को बढ़ाने में मदद करते है, और हमारा पाचन तंत्र मजबूत बनते है। परिणाम स्वरूप हमारा शरीर अधिक मात्रा में विषैले टोक्सिंस और बेकार पदार्थों को बाहर निकालता है। जिससे हमारा वजन नियंत्रित रहता है और हमारा शरीर गैस्ट्रिक आदि समस्याओं से भी दूर रहता है।
प्रयोग की विधि - एक ग्लास पानी में एक नींबू के रस को निचोड़ लें, और रोज़ाना सुबह खाली पेट इसका सेवन करे। इस विधि का प्रयोग आप दिन में दो बार तक कर सकते है।
∆ जीरा -
जीरा में विटामिन, कैल्शियम, मैंगनीज, कॉपर, आयरन के साथ कई और पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में मौजूद होते है जो हमारे शरीर के मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाते और हमारे पाचन क्रिया को मजबूत बनाते है। पाचन तंत्र के सुचारू रूप से काम करने पर हमारा शरीर अधिक मात्रा में कैलोरी वर्ण करता है और हमारे शरीर से अवांछित वसा आदि को बाहर निकालता है। जिससे हमारा वजन संतुलित और हमारा शरीर रोग मुक्त रहता है।
प्रयोग की विधि - एक या डेढ़ चमच्च जीरा को एक ग्लास पानी में ढककर पूरी रात फूलने। सुबह इसे धीमी आंच पे गरम करे और आधे पानी को जला दे। फिर इसे छानकर खाली पेट पी ले। आपको एक से दो दिन के भीतर निश्चित रूप से इसका फायदा दिखने लगेगा।
∆ करेला -
स्वाद में करवा होने के बावजूद भी इसमें उपस्थित इसके औषधीय गुणों की वजह से खाने पीने में इसका बहुत अधिक उपयोग किया जाता है।
करेले में आयरन, पोटैशियम और विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यू.एस.डीए (यूनाइटेड स्टेट्स डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चर) द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार 100 ग्राम करेले में 13 मिलीग्राम सोडियम, 602 ग्राम पोटैशियम, 7 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 3.6 ग्राम प्रोटीन के साथ लगभग 35 कैलोरी ऊर्जा मौजूद होती है। इतनी सारी खूबियों मौजूद होने की वजह से ही करेला पेट से जुड़ी सभी समस्याओं, खासकर गैस्ट्रिक का रामबाण इलाज माना जाता है।
प्रयोग की विधि - ताजे करेले को मिक्सर ग्राइंडर में अच्छी तरह पीसकर उसे कपड़े या छन्ने से छान ले, और सुबह में खाली पेट इसका सेवन करे। आप इस नुस्खे को सप्ताह में तीन या चार बार इस्तेमाल कर सकते है।
∆ आजवाइन -
गैस्ट्रिक की समस्या में तुरंत आराम पाने के लिए आजवाइन सबसे बेहतर विकल्प है। यह आपको गैस से तो तुरंत राहत देता ही है, साथ ही भोजन पचाने में भी आपकी मदद करता है।
प्रयोग की विधि - एक चम्मच आजवाइन में थोड़ा सा नमक मिलाकर इसे अच्छी तरह चबाये, और फिर एक ग्लास गुनगुने पानी के साथ इसे निगल ले।
∆ एलोवेरा -
एलोवेरा में प्रचुर मात्रा में एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीऑक्सिडेंट गुण मौजूद होते हैं, जो पेट की अंदरूनी परत में आई सूजन को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही यह अच्छे एंटीसेप्टीक एजेंट का भी काम करते है, और शरीर में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया को मारते है। इसमें मौजूद पोलीसैकराइड क्षतिग्रस्त कोशिकाओं की मरम्मत करता है।
आपको बता दे कि एलोवेरा में एन्थ्राक्युनन और ग्लुकोमैन्नस भी मौजूद होता है, जो हमारे शरीर के पाचन क्रिया को सुचारू रूप से कार्य करने में सहायता प्रदान करता है और अम्लता की वृद्धि को रोकता है। एलोवेरा के इन्हीं गुणों के कारण इसे प्राकृतिक एंटीबायोटिक कहा जाता है। और अपनी इन्हीं खूबियों की वजह से यह हमें गैस्ट्रिक, एसिडिटी और पेट से जुड़ी अन्य कई समस्याओं में राहत दिलाता है।
प्रयोग की विधि - एक से दो चम्मच एलोवेरा जेल को आधे ग्लास पानी में मिलाकर रोज सुबह खाली पेट इसका सेवन करे। अगर आप चाहे तो खाना खाने के 30 मिनट बाद भी इसे पी सकते है। इस नुस्खे का प्रयोग आप रोजाना एक से दो बार कर सकते है।
नोट - ऊपर बताये गये सभी सुझावों को सामान्य शारीरिक झमता वाले व्यक्तियों के ऊपर आज़माया गया है। जिनसे उन्हें काफी बेहतर परिणाम मिले। किंतु, आप अपनी शारीरिक क्षमता के अनुसार औषधियो के बताए गए खुराक को कम या ज्यादा कर सकते है।
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© By Today's Trends, Thankyou.
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